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देश के प्रतिष्ठित निजी लॉजिस्टिक और उच्च शिक्षण संस्थानों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन

दक्षिण भारत और मध्य भारत के प्रतिष्ठित निजी आश्रम और उच्च शिक्षण आश्रमों के प्रमुखों से मुख्यमंत्री का संवादजिन अनूठे विश्वविद्यालय में नहीं, वहां खुलेंगे नए विश्वविद्यालय: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश में विकास और विरासत के सम्मान का भाव: मुख्यमंत्रीमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के प्रतिष्ठित निजी छात्रावासों और उच्च शिक्षण संस्थानों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में कभी भी निवेश नहीं किया जाता है। यह देश और समाज का भविष्य संवारने का माध्यम है। उत्तर प्रदेश जैसी युवा आबादी वाले राज्य में शिक्षा क्षेत्र में अनंत अवशेष हैं। निजी क्षेत्र को इसका लाभ उठाना चाहिए। असेवित सुपरमार्केट में फर्मों की स्थापना करने वाले असेवित को सरकार द्वारा हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगलवार को दक्षिण भारत और मध्य भारत के प्रतिष्ठित निजी चर्चों और उच्च शिक्षाओं के कुलाधिपतिगणों, पितृगणों, प्रतिकुलपतिगणों, निदेशकों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और अन्य संस्थाओं से संवाद किया गया। है. प्राचीन काल से यह प्रदेश, शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा है। काशी सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है। काशी, अयोध्या, मथुरा संस्कृति और सभ्यता के प्राचीन नगर रहे हैं। हालाँकि दशकों में शिक्षा के प्रति विमुखता का भाव देखा गया। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश और प्रदेश में शिक्षा के प्रति एक सकारात्मक भाव जागृत हुआ है। आज प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग्स और इंटरनैशनल स्टेट ऑपरेशंस बेहतरीन हुए हैं। 2017 से पूर्व प्रदेश में 12 मेडिकल कॉलेज थे, पिछले 06 वर्षों के प्रयास के बाद आज 45 डिग्री में सरकारी मेडिकल मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जबकि 16 प्रोटोटाइप और पीपीपी मूड पर 16 और मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है। आज प्रदेश में 22 राज्य एवं 03 केन्द्रीय विश्वविद्यालय संचालित हैं, 03 राज्य विश्वविद्यालय संस्थान संचालित हैं जबकि 36 निजी विश्वविद्यालय, 02 एम्स, 02 संस्थान एवं आईएम संचालित हैं। 2000 से अधिक पॉलिटेक्निक वैकेशनल इंस्टिट्यूट भी संचालित हैं, इनकी लंबी श्रृंखला है, जो यहां के स्टार्टअप परिदृश्य को मजबूत बनाती है। इसके बावजूद, अभी बहुत से जिले ऐसे हैं, जहां कोई विश्वविद्यालय कार्रवाई नहीं करता है। स्थानीय विद्यार्थियों की खोज को दृष्टिगत रखा गया राज्य सरकार ने निजी आश्रमों की स्थापना को एक नई नीति लागू करने की अनुमति दी है, जिसके आधार पर परिणाम मिलते हैं। अभी हाल में मेला, वफ़ा और पुरातत्व जिले के नृत्य ने अपनी रुचि देखी है। उत्तर प्रदेश ने उत्कृष्ट उद्योगों की दिशा का प्रयास किया है। निजी क्षेत्र में कई स्टार्टअप ने उत्कृष्टता का मानक स्थापित किया है। उत्तर प्रदेश, मासूमियत का लाभ प्रदेश के बच्चे बेचने के लिए तैयार हैं। निजी क्षेत्र के लिए सांख्यिकी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए यह बात आश्चर्यजनक हो सकती है लेकिन यह सच है कि आज प्रदेश के शिक्षा परिषद के 1.91 करोड़ बच्चे पढ़ाई करा रहे हैं। आज ही सुबह सभी के बैंक में गणेश के लिए ₹1200 की पोस्ट हैं। इसी तरह, इस साल 56 लाख बच्चों ने यूपी बोर्ड का निरीक्षण किया। छात्रों के लिए यह लेख कई राज्यों की जनगणना से भी अधिक है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले के स्वास्थ्य केंद्र या शिक्षण संस्थान में जाएं, वहां उत्तर प्रदेश के साथ-साथ नेपाल, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के लोग भी मिलेंगे। यह स्थिति बताती है कि निजी क्षेत्र के छात्रों के लिए उत्तर प्रदेश में अपारदर्शी जंगल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जनरल इंस्टीट्यूट में कोई भी विश्वविद्यालय स्थापित नहीं है, वहां अपने विश्वविद्यालय स्थापित करने वाले उपभोक्ताओं को सरकार की नीति के अनुसार हर आवश्यक राज्य सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

06 वर्ष में साढ़े 05 करोड़ लोग गरीबी के दंश से मुक्त*

संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सस्टनेबल डेवलपमेंट की नीति की चर्चा भी की और नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बीते 06 वर्षों में साढ़े 05 करोड़ लोगों को गरीबी के दंश से मुक्त कराया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और रोजगार सृजन सहित हर आवश्यक क्षेत्र में काम किया गया। नतीजा सबके सामने है। शिक्षा के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के सहयोग से उत्तर प्रदेश नए मानक  स्थापित कर सकता है। सरकार सभी निवेशकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करेगी।

संवाद में रही पुरानी स्तुति

डॉ. निबंध-चेयरमैन-रमैया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूटेशन, कर्नाटकडॉ. अमित भल्ला-वाइस प्रेसिडेंट-मानव रचना शैक्षणिक संस्थान, हरियाणा

● जीबी सेल्वम- वाइस प्रेसिडेंट- वीआईटी यूनिवर्सिटी, वेल्लौर

● संजीब कुमार - प्रेसिडेंट- सीबी रमन ग्लोबल यूनिवर्सिटी, ओडिशा

● डॉ. एन विशाल हेगड़े- प्रो-चांसलर- नित्ति डीम्ड यूनिवर्सिटी-कर्नाटक

● एस. सिमरप्रीत सिंह- निदेशक-जेआईएस ग्रुप एजुकेशनल इनिशिएटिव-पश्चिम बंगाल

● डॉ मोहम्मद फरहाद- कर्नाटक

● रवि वर्मा-प्रो चांसलर- एमएनआर यूनिवर्सिटी-तेलंगाना

● ध्रुव गलगोटिया- सीईओ- गलगोटिया यूनिवर्सिटी

● अभय छबि-प्रो चांसलर- अलायंस यूनिवर्सिटी-कर्नाटक

●नवस केएम- सीईओ-केएमसीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन-केरल

● विनीत गुप्ता-निदेशक-जेम्बोर एजुकेशनल प्रा.लिमिटेड-दिल्ली

●अमित गुप्ता- चेयरमैन- जेआईएमएस-दिल्ली

●राहुल सिंघी- निदेशक-पूर्णिमा यूनिवर्सिटी-राजस्थान

● पीएन राजदान- एडवाइजर-ईपीएसआई रमैया ग्रुप, कर्नाटक

● गुरुचरण-निदेशक- एमएस रमैया यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लायड साइंस-कर्नाटक

●पी.पलानीवेल- एक्जीक्यूटिव सेक्रेटरी-ईपीएसआई

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