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महेन्द्र सिंह धोनी ने 2019 का विश्वकप जानबूझ कर हरवाया है

 युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने 2019 के विश्वकप को लेकर किया बड़ा खुलासा 

एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल को दिये गये इंटरव्यू मे युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने भारत के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेन्द्र सिंह धोनी पर आरोप लगाया है कि 2019 विश्वकप महेन्द्र सिंह धोनी ने जानबूझकर हरवाया था। उन्होने कहा है कि धोनी नही चाहते थे कि भारत विराट कोहली की कप्तानी मे विश्वकप जीते। उन्होने आगे कहा कि वर्ष 2011 मे धोनी ने 28 साल बाद विश्वकप जीता था तो वह यह नही चाहते थे कि कोई और कप्तान का नाम उनके साथ लिया जाए। उन्होने कहा कि जब रवीन्द्र जडेजा गेंद को चौके और छक्के के लिए भेज रहे थे तब धोनी डिफेंस करते हुए साफ देखे  जा सकते थे। उन्होने कहा कि आप आईपीएल मे धोनी का प्रदर्शन देख लो 15 गेंद 40 रन ऐसे ऐसे स्कोर करते हैं और वहां जब जडेजा के साथ हिट करने की जरूरत थी तब वे स्लाट मे मिली 10 से 12 गेंदों को डिफेंसिव खेला था।

योगराज सिंह के लगाए गये यह आरोप भले ही कुछ लोगों को गङबङ लगे लेकिन धोनी की पारी देखकर भी यही लगता है कि वह अत्यधिक धीमा खेल रहे थे। गेंद को हिट करने की जब जरूरत थी तब वे डिफेंसिव खेल रहे थे। हालांकि इसके पहले एक मैच इंग्लैंड से भी भारत धोनी की इसी तरीके की पारी से हार गया था। 2019 विश्वकप मे इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ धोनी की पारियां संदेह जरूर पैदा करती हैं। क्या वाकई योगराज सिंह के लगाए गये आरोप सही हैं?

योगराज सिंह बङे ही बेबाकी से अपनी बात रखते हैं। वे इसके पहले भी धोनी को निशाना बना चुके हैं और बोल चुके हैं कि युवराज सिंह को टीम से बाहर करवाने मे धोनी का बङा हाथ था।

महेन्द्र सिंह धोनी के मैच समाप्त करने का यही तरीका होता है कि वह मैच आखिरी के दो ओवर तक ले जाते हैं। उसके पहले तक बीच के ओवरों मे वह बेहद धीमी बल्लेबाजी करते हैं। यह धोनी के मैच फिनिश करने का तरीका कहें या कुछ और ही है यह विवादास्पद है। जब बीच के ओवरों मे बङे बङे हिट नही लगते तो अंतिम दो तीन ओवरों मे हर गेंद पर बङे बङे हिट लगाने की बाध्यता हो जाती है। कल्पना करिए अगर इस दौरान धोनी आउट हो गये जैसा कि सेमीफाईनल मे हुआ भी था तब कोई भी मैच नही जिता सकता है। कुछ ऐसी ही पारी विश्वकप 2019 के सेमीफाइनल मे धोनी ने खेली थी जब वह रनआउट हुए तब उसके बाद कोई हिटर नही बचा था जो बङे बङे हिट लगाकर मैच जिता सके। अगर धोनी बीच के ओवरों मे टूट के जडेजा की तरह लम्बे लम्बे छक्के लगाए होते तो भारत वह मैच जीत सकता था।योगराज सिंह के आरोपों पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है जरूर बताऐं? क्या सचमुच धोनी ने जानबूझकर धीमा खेला था या मैच की सिचुएशन ही ऐसी थी?

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